नियोजित और अनियोजित माल-सूची संचय में क्या अंतर है? किसी फर्म की माल-सूची और मूल्यवर्धित के बीच संबंध बताइए।
नियोजित माल: इसका अभिप्राय स्टॉक में उस परिवर्तन से हैं, जो नियोजित ढंग से होता है। नियोजित माल समावेश की स्थिति में फर्म को अपना माल बढ़ाने के लिए योजना करनी होगी।
अनियोजित माल: इसका अभिप्राय स्टॉक में उस परिवर्तन से है, जो बिना किसी अपेक्षा के हो जाता है। अनियोजित माल समावेश की स्थिति में विक्रय में अनपेक्षित कमी होने के कारण फर्म को बिना बिका माल संग्रहित करना पड़ेगा।
फर्म के सकल मूल्यवृद्धि = फर्म द्वारा उत्पादित माल का सकल मूल्य (Q) - फर्म द्वारा उपयोग की गई मध्यवर्ती वस्तुओं का मूल्य (Z)
अथवा
सकल मूल्यवृद्धि = फर्म द्वारा विक्रय का मूल्य (V) + स्टॉक में परिवर्तन (A) - (Z)।