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भारत की जनसंख्या के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सी एक विशेषता नगर की परिभाषा का अंग नहीं है?
जनसंख्या घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.
जनसंख्या घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.
75% से अधिक जनसंख्या का प्राथमिक खंड में संलग्न होना
जनसंख्या आकार 5000 व्यक्तियों से अधिक
C.
75% से अधिक जनसंख्या का प्राथमिक खंड में संलग्न होना
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:
गैरिसन नगर क्या होते हैं? उनका क्या प्रकार्य होता है?
ब्रिटिश-काल में अंग्रेजी शासकों ने कई छावनियाँ बनाई जिन्हे 'गैरिसन नगर' कहते हैं। अंबाला, जालंधर, महू, बबीना, उधमपुर इत्यादि इसके उदहारण हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:
किसी नगरीय संकुल की पहचान किस प्रकार की जा सकती है?
नगरीय संकुल का निम्नलिखित तीन में से कोई एक संयोजन हो सकता हैं:
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:
मरुस्थली प्रदेशों में गाँवों के अवस्थिति के कौन-से मुख्य कारक होते हैं।
गावों की अवस्थिति में अनेक भौतिक कारकों का प्रभाव देखा जा सकता है। जैसे: जलवायु, धरातल, जल की सुविधा, मिट्टी इत्यादि। परन्तु मरुस्थली प्रदेशों में गाँवों की अवस्थिति में 'जल' का सबसे अधिक महत्व हैं। मरुस्थली प्रदेशों में जहाँ पानी मिलता हैं, वह बस्तियाँ तेज़ी से बसने लगती हैं। सुरक्षा कारक भी गावों की अवस्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
महानगर क्या होते हैं? ये नगरीय संकुलों से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
जिन महानगरों की जनसंख्या 10 से 50 लाख तक होती हैं, उन्हें महानगर कहा जाता हैं। अधिकतर बहुसंख्यक महानगर और मेगा नगर (50 लाख सेअधिक जनसंख्या) नगरीय संकुल हैं। एक नगरीय संकुल में निम्नलिखित तीन संयोजकों में से किसी एक का समावेश होता है:
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें:
विभिन्न प्रकार की ग्रामीण बस्तियों के लक्षणों की विवेचना कीजिए। विभिन्न भौतिक पर्यावरणों में बस्तियों के प्रारूपों के लिए उत्तरदायी कारक कौन-से हैं?
ग्रामीण बस्तियों के विभिन्न प्रकारों से उसके लक्ष्ण का बोध होता है, इसको मुख्यत: चार प्रकारों में रखा जा सकता है:
बस्तियों के प्रारूपों को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारक निम्नलिखित हैं:
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें:
क्या एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना की जा सकती है? नगर बहुप्रकार्यात्मक क्यों हो जाते हैं?
एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना नहीं की जा सकती क्योंकि कोई भी नगर एक प्रकार्य पर आश्रित नहीं रह सकता। सभी नगर बहु-प्रकार्य होते हैं अर्थात् प्रत्येक नगर एक से अधिक प्रकार्य करता है। कुछ नगर अपने एक महत्वपूर्ण कार्य के लिए अवश्य जाने जाते हैं। अत: उसके प्रधान व्यवसाय के आधार पर ही नगर का वर्गीकरण किया जा सकता हैं। जैसे कुरुक्षेत्र एक धार्मिक नगर है और फरीदाबाद एक शैक्षणिक नगर है, लेकिन यह वर्गीकरण एक सामान्य अवलोकन है। वैज्ञानिक विषलेषण पर आधारित तथ्य-परक अवलोकन नहीं है।
अपनी केंद्रीय अथवा नोडीय स्थान की भूमिका के अतिरिक्त अनेक शहर और नगर विशेषीकृत सेवाओं का निष्पादन करते हैं। कुछ शहरों और नगरों को कुछ निश्चित प्रकार्यों में विशिष्टता प्राप्त होती हैं और उन्हें कुछ विशिष्ट क्रियाओं, उत्पादनों अथवा सेवाओं के लिए जाना जाता है। फिर भी प्रत्येक शहर अनेक प्रकार्य करता है। उनके प्रमुख अथवा विशेषीकृत प्रकार्यों के आधार पर उसका वर्गीकरण किया जाता है; उच्चतर कम के प्रशासनिक मुख्यालयों वाले शहरों को प्रशासन नगर कहते हैं, जैसे कि चंडीगढ़, नई दिल्ली, भोपाल, शिलांग, गुवाहाटी, इंफाल, श्रीनगर, गांधी नगर, जयुपर, चेन्नई इत्यादि। मुंबई सेलम, कोयंबटूर, मोदीनगर, जमशेदपुर, हुगली, भिलाई इत्यादि औद्योगिक नगरों के रूप में प्रसिद्ध है। मसूरी, शिमला, पचमढ़ी, जोधपुर, जैसलमेर, उडगमंडलम (ऊटी), माउंट आबू , पर्यटन नगरों के रूप में प्रसिद्ध है।
विशेषीकृत नगर भी महानगर बनने पर बहुप्रकार्यात्मक बन जाते हैं जिनमें उद्योग व्यवसाय, प्रशासन, परिवहन इत्यादि महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं। ये प्रकार्य इतने अंतर्ग्रथित हो जाते हैं कि नगर को किसी विशेष प्रकार्य वर्ग मेंवर्गीकृत नहींकिया जा सकता।
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