भारत का संविधान सिद्धांत और व्यवहार Chapter 1 संविधान क्यों और कैसे?
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    NCERT Solution For Class 11 राजनीतिक विज्ञान भारत का संविधान सिद्धांत और व्यवहार

    संविधान क्यों और कैसे? Here is the CBSE राजनीतिक विज्ञान Chapter 1 for Class 11 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 11 राजनीतिक विज्ञान संविधान क्यों और कैसे? Chapter 1 NCERT Solutions for Class 11 राजनीतिक विज्ञान संविधान क्यों और कैसे? Chapter 1 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 11 राजनीतिक विज्ञान.

    Question 4
    CBSEHHIPOH11021735

    भारतीय संविधान के बारे में निम्नलिखित प्रत्येक निष्कर्ष की पुष्टि में दो उदाहरण दें:
    संविधान का निर्माण विश्वसनीय नेताओं द्वारा हुआ। उनके लिए जनता के मन में आदर था।

    Solution

    इस बारे में दो निम्न नामों के उदहारण दिए जा सकते हैं:

    1. डॉ राजेंद्र प्रसाद: संविधान निर्माता उच्च कोटि के विद्वान थे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे जिन्हे बाद में भारत गणराज्य का प्रथम राष्ठ्रपति नियुक्त किया गया।
    2. डॉ. बी.आर अंबेडकर: डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारत में दलितों और पिछड़े वर्ग के मसीहा के रूप में देखा जाता है। वह 1947 में स्वतंत्र भारत के संविधान की रचना के लिए संविधान सभा द्वारा गठित ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष थे।

    Question 5
    CBSEHHIPOH11021736

    भारतीय संविधान के बारे में निम्नलिखित प्रत्येक निष्कर्ष की पुष्टि में दो उदाहरण दें:
    संविधान ने शक्तियों का बँटवारा इस तरह किया कि इसमें उलट-फेर मुश्किल है।

    Solution

    दो उदाहरण:

    1. भारतीय संविधान के अंतर्गत शक्तियों का बँटवारा विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका में इस प्रकार किया गया हैं की कोई एक संस्था संविधान के ढाँचे को नष्ट नहीं कर सकती।
    2. भारतीय संविधान में शक्तियों का बटवारा निम्न तीन सूचियों के आधार पर किया गया हैं जिसमें उल्ट-फेर मुश्किल हैं:
      1. संघीय सूची: 97 विषय 
      2. राज्य सूची: 66 विषय
      3. समवर्ती सूची: 47 विषय

    अवशेष शक्तियाँ केंद्र के पास हैं।

    Question 6
    CBSEHHIPOH11021737

    भारतीय संविधान के बारे में निम्नलिखित प्रत्येक निष्कर्ष की पुष्टि में दो उदाहरण दें:

    Solution
    1. भारतीय संविधान जन-जन की आशाओं एवं आकांक्षाओं का एक पवित्र दस्तावेज़ हैं। यह उसकी संस्कृति, सभ्यता एवं शासन का दर्पण हैं। उदहारण के लिए: छुआछूत को संविधान के अनुच्छेद 18 द्वारा समाप्त कर दिया गया हैं।
    2. भारतीय संविधान भारत के लोगो के अधिकारों की रक्षा करता हैं। यह ऐसे मौलिक नियमों को निश्चित करता हैं जो समाज में रहने वाले लोगों में समन्वय तथा आपसी विश्वास की स्थापना करते है।
    Question 7
    CBSEHHIPOH11021738

    किसी देश के लिए संविधान में शक्तियों और जिम्मेदारियों का साफ़-साफ़ निर्धारण क्यों जरूरी है? इस तरह का निर्धारण न हो तो क्या होगा ?

    Solution

    शक्ति विभाजन भारतीय संविधान का सर्वाधिक महत्वपूर्ण लक्षण है, राज्य की शक्तियां केंद्रीय तथा राज्य सरकारों मे विभाजित होती है। दोनों सत्ताएँ एक-दूसरे के अधीन नही होती है, वे संविधान से उत्पन्न तथा नियंत्रित होती है। दोनों की सत्ता अपने अपने क्षेत्रो मे पूर्ण होती है। देश के शासन को सुचारु रूप से चलाने के लिए शक्तियों और जिम्मेदारियों का निर्धारण किया जाना आवश्यक हो जाता हैं। यदि इस तरह का स्पष्ट निर्धारण न किया जाए तो अनिश्चितता बढ़ जाएगी जिसके परिणामस्वरूप केंद्र एवं राज्यों में मतभेद एवं गतिरोध की संभावना बनी रहेगी।

    Question 8
    CBSEHHIPOH11021739

    शासकों की सीमा का निर्धारण करना संविधान के लिए क्यों जरूरी है ? क्या कोई ऐसा भी संविधान हो सकता है जो नागरिकों को कोई अधिकार न दे।

    Solution

    शासकों की सीमा का निर्धारण:

    1. शासकों की सीमा का निर्धारण करना संविधान के लिए इसलिए जरुरी हैं ताकि शासक निरंकुश एवं तानाशाह न बन सकें अथवा लोगो की स्वतंत्रता बरकरार रहे।
    2. शासकों द्वारा बनाए गए कानून सदैव उचित हो एवं जनता के हित में हो। इसलिए भी शासकों की सीमा का निर्धारण करना अनिवार्य हो जाता हैं।

    एक राजशाही संविधान में, एक राजा का फैसला होता है लेकिन लोकतांत्रिक संविधानों में, लोग निर्णय लेते हैं। आज के समय में ऐसा कोई संविधान नहीं हो सकता, जो अपने नागरिकों को कोई अधिकार न दे। 

    Question 9
    CBSEHHIPOH11021740

    जब जापान का संविधान बना तब दूसरे विश्वयुद्ध में पराजित होने के बाद जापान अमेरिकी सेना के कब्जे में था। जापान के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान होना असंभव था, जो अमेरिकी सेना को पसंद न हो। क्या आपको लगता है कि संविधान को इस तरह बनाने में कोई कठिनाई है ? भारत में संविधान बनाने का अनुभव किस तरह इससे अलग है ?

    Solution
    1. द्वितीय विश्व युद्ध में जापान पराजित हुआ था और जापान पर अमेरिकी सेना का नियंत्रण हो गया था। इसलिए उस समय जापान के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान होना संभव नहीं था, जो अमेरिकी सेना को पसंद ना हो।
    2. जापान का संविधान अमेरिकी जनरल मैक आर्थर की निगरानी एवं नियंत्रण में बनाया गया था। यह संविधान जापान के लोगों ने अपनी इच्छा से नहीं बनाया था बल्कि ये संविधान उन पर थोपा गया था। इस प्रकार के संविधान में बनाने में कठिनाइयाँ अवश्य आती हैं, क्योंकि विदेशी लोगों को स्थानीय लोगों के मूल्य एवं आदेशों की जानकारी नहीं होती।
    3. भारत में संविधान बनाने का अनुभव जापान से अलग था, क्योंकि संविधान बनाते समय भारत एक स्वतंत्र देश बन चुका था तथा भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा किया गया था। भारतीय संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव व्यस्क मताधिकार के आधार पर नहीं किया गया था। इसके बावजूद संविधान सभा के अंदर भारत के सभी वर्गों एवं क्षेत्रों के महापुरुष इसके सदस्य थे। संविधान सभा में सभी निर्णय वाद-विवाद तथा आम सहमति से लिए गए थे।
    Question 10
    CBSEHHIPOH11021741

    रजत ने अपने शिक्षक से पूछा -'संविधान एक पचास साल पुराना दस्तावेज है और इस कारण पुराना पड़ चुका है। किसी ने इसको लागू करते समय मुझसे राय नहीं माँगी। यह इतनी कठिन भाषा में लिखा हुआ है कि मैं इसे समझ नहीं सकता। आप मुझे बतायें कि मैं इस दस्तावेज की बातों का पालन क्यों करूँ ?' अगर आप शिक्षक होते तो रजत को क्या उत्तर देते ?

    Solution
    1. एक अध्यापक के रूप में रजत को इस प्रकार से समझाया जा सकता है कि संविधान लगभग 58 वर्ष पुराना अवश्य हो गया है परंतु यह पुराना नहीं पड़ा क्योंकि इसकी मूल बातें आज भी प्रासंगिक एवं प्रायोगिक है। इसके अलावा हम परिस्थितियों की आवश्यकता के अनुसार इसमें संसोधन भी कर सकते हैं।
    2. संविधान की भाषा कठिन अवश्य है परंतु इतनी भी कठिन नहीं कि इसका मूल भाव व उद्देश्य आम आदमी तक न पहुँचाया जा सके। अत: एक नागरिक के रूप में संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का उपयोग भी करना चाहिए।
    3. यदि संविधान की भाषा कठिन एवं कानून के अनुसार ना हो, तो कोई भी शासक या व्यक्ति इसका गलत अर्थ में प्रयोग कर सकता है और कठिन भाषा के होते हुए भी है यह लोगों के अधिकारों की रक्षा का पूरा वचन देता है। अत: तुम्हें (रजत) इसका पालन करना चाहिए।
    Question 11
    CBSEHHIPOH11021742

    संविधान के क्रिया-कलाप से जुड़े अनुभवों को लेकर एक चर्चा में तीन वक्ताओं ने तीन अलग अलग पक्ष लिए:
    (क) हरबंस - भारतीय संविधान एक लोकतांत्रिक ढाँचा प्रदान करने में सफल रहा है।
    (ख) नेहा- संविधान में स्वतंत्रता, समता और भाईचारा सुनिश्चित करने का विधिवत वादा है। चूँकि ऐसा नहीं हुआ इसलिए संविधान असफल है।
    (ग) नाजिमा - संविधान असफल नहीं हुआ, हमने उसे असफल बनाया। क्या आप इनमें से किसी पक्ष से सहमत हैं, यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो आप अपना पक्ष बताएँ।

    Solution

    (क): हम हरवंश के कथन से सहमत है, क्योंकि संविधान ने चुनावी लोकतंत्र के माध्यम से कानून के शासन से भारत में लोकतान्त्रिक ढांचा बनाने में सफलता प्राप्त की हैं।
    (ख): हम नेहा से असहमत हैं क्योंकि संविधान में समानता, स्वतंत्रता व भाईचारा बढ़ाने का वायदा भी किया है व इसे काफी हद तक प्राप्त भी किया है।  
    (ग) हम नाज़िमा से भी सहमत हैं, कि अगर संविधान कहीं पर असफल हुआ है तो वह हमारे कारण असफल हुआ है। संविधान में संविधान के बनाने वालों ने ऐसी संस्थाएं व व्यवस्थाएं दी है जिनमें हमारे समाज की सभी समस्याओं का हल है।  

    Question 12
    CBSEHHIPOH11021743

    बतायें कि भारतीय संविधान के निर्माण के बारे में निम्नलिखित अनुमान सही हैं या नहीं ? अपने उत्तर का कारण बतायें।

    संविधान सभा में भारतीय जनता की नुमाइंदगी नहीं हुई। इसका निर्वाचन सभी नागरिकों द्वारा नहीं हुआ था।

    Solution

    यह अनुमान सही नहीं है क्योंकि भले ही संविधान सभा का निर्वाचन सभी नागरिकों द्वारा नहीं हुआ था, परंतु फिर भी संविधान सभा भारतीय जनता की नुमाइंदगी करते थे। संविधान सभा में भारतीय जनता के सभी वर्गों, क्षेत्रों एवं धर्मों के प्रतिनिधि सम्मिलित थे। यदि वयस्क मताधिकार के आधार पर संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव होता तो लगभग वही सदस्य चुने जाते जो संविधान सभा के सदस्य थे।

    Question 13
    CBSEHHIPOH11021744

    बतायें कि भारतीय संविधान के निर्माण के बारे में निम्नलिखित अनुमान सही हैं या नहीं ? अपने उत्तर का कारण बतायें।

    संविधान बनाने की प्रक्रिया में कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया क्योंकि उस समय नेताओं के बीच संविधान की बुनियादी रूप रेखा के बारे में आम सहमति थी।

    Solution

    यह अनुमान सही नहीं है क्योंकि संविधान सभा में अनेक बड़े फैसले लिए गए व संविधान सभा के सदस्यों में बुनियादी रूप-रेखा के संबंध में आम सहमति भी नहीं थी। विचार-विमर्श व वाद-विवाद के आधार पर उत्पन्न आम सहमति के आधार पर अनेक ऐसे महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लिए गए जिन पर सदस्यों में मतभेद था।

    Question 14
    CBSEHHIPOH11021745

    बतायें कि भारतीय संविधान के निर्माण के बारे में निम्नलिखित अनुमान सही हैं या नहीं ? अपने उत्तर का कारण बतायें।

    संविधान में कोई मौलिकता नहीं है क्योंकि इसका अधिकांश हिस्सा दूसरे देशों से लिया गया है।

    Solution

    यह कथन सही है कि संविधान का अधिकांश भाग विभिन्न देशों से लिया गया है परंतु यह कहना कि इस संविधान में मौलिकता नहीं है गलत होगा क्योंकि भारतीय संविधान के अनेक देसी स्त्रोत हैं: जैसे भारत सरकार अधिनियम 1935 व नेहरू रिपोर्ट 1928 तथा विकास-वादी स्त्रोत।
    इसके अलावा यह भी सत्य की विदेशों से ली जाने वाली संस्थाओं की हमने कार्बन कॉपी के रूप में नकल नहीं की बल्कि उनको अपनी परिस्थितियों व आवश्यकताओं के अनुसार परिवर्तन करके उन्हें अपनाया है।

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