जब जापान का संविधान बना तब दूसरे विश्वयुद्ध में पराजित होने के बाद जापान अमेरिकी सेना के कब्जे में था। जापान के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान होना असंभव था, जो अमेरिकी सेना को पसंद न हो। क्या आपको लगता है कि संविधान को इस तरह बनाने में कोई कठिनाई है ? भारत में संविधान बनाने का अनुभव किस तरह इससे अलग है ?
- द्वितीय विश्व युद्ध में जापान पराजित हुआ था और जापान पर अमेरिकी सेना का नियंत्रण हो गया था। इसलिए उस समय जापान के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान होना संभव नहीं था, जो अमेरिकी सेना को पसंद ना हो।
- जापान का संविधान अमेरिकी जनरल मैक आर्थर की निगरानी एवं नियंत्रण में बनाया गया था। यह संविधान जापान के लोगों ने अपनी इच्छा से नहीं बनाया था बल्कि ये संविधान उन पर थोपा गया था। इस प्रकार के संविधान में बनाने में कठिनाइयाँ अवश्य आती हैं, क्योंकि विदेशी लोगों को स्थानीय लोगों के मूल्य एवं आदेशों की जानकारी नहीं होती।
- भारत में संविधान बनाने का अनुभव जापान से अलग था, क्योंकि संविधान बनाते समय भारत एक स्वतंत्र देश बन चुका था तथा भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा किया गया था। भारतीय संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव व्यस्क मताधिकार के आधार पर नहीं किया गया था। इसके बावजूद संविधान सभा के अंदर भारत के सभी वर्गों एवं क्षेत्रों के महापुरुष इसके सदस्य थे। संविधान सभा में सभी निर्णय वाद-विवाद तथा आम सहमति से लिए गए थे।



