किसी देश के लिए संविधान में शक्तियों और जिम्मेदारियों का साफ़-साफ़ निर्धारण क्यों जरूरी है? इस तरह का निर्धारण न हो तो क्या होगा ?
शक्ति विभाजन भारतीय संविधान का सर्वाधिक महत्वपूर्ण लक्षण है, राज्य की शक्तियां केंद्रीय तथा राज्य सरकारों मे विभाजित होती है। दोनों सत्ताएँ एक-दूसरे के अधीन नही होती है, वे संविधान से उत्पन्न तथा नियंत्रित होती है। दोनों की सत्ता अपने अपने क्षेत्रो मे पूर्ण होती है। देश के शासन को सुचारु रूप से चलाने के लिए शक्तियों और जिम्मेदारियों का निर्धारण किया जाना आवश्यक हो जाता हैं। यदि इस तरह का स्पष्ट निर्धारण न किया जाए तो अनिश्चितता बढ़ जाएगी जिसके परिणामस्वरूप केंद्र एवं राज्यों में मतभेद एवं गतिरोध की संभावना बनी रहेगी।



