डायरी के पन्ने
ऐन फ्रैंक कौन थी? उसकी डायरी क्यों प्रसिद्ध है?
ऐन फ्रैंक हालैंड के एक यहूदी परिवार की तेरह वर्षीय बालिका थी। उसके यहूदी परिवार को गुप्त आवास में दो वर्ष छिपकर बिताने पड़े थे। इस दौरान ऐन को अकल्पनीय यातनाएँ सहनी पड़ी। यहीं रहकर ऐन ने अपने अनुभवों को डायरी के रूप में लिखा।
यह डायरी बहुत प्रसिद्ध हुई। इस डायरी में ऐन का व्यक्तिगत जीवन ही नहीं, अपितु साठ लाख यहूदियों पर ढाए जुल्मों की जीवंत कहानी है। उसकी डायरी साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली आवाज है। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हिटलर ने यहूदियों को जिस तरह भूमिगत जीवन जीने के लिए विवश किया, उसी का सजीव एवं मार्मिक चित्रण इस डायरी में हुआ है। उस दौरान युद्ध की भयावहता से लोग काँप-काँप उठते थे। इस डायरी में उन्हीं साठ लाख लोगों की पीड़ा को अभिव्यक्ति मिली है। इस विवरण को सारे विश्व के लोग जानना चाहते थे। यही कारण है कि ऐन की डायरी बहुत प्रसिद्ध हो गई।
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ऐन के साथ कौन-कौन से लोग छुपे हुए थे?
ऐन ने अपने थैले में कौन-कौन से अजीबोगरीब चीजें भरीं और क्यों?
ऐन अधिक से अधिक कपड़े ले जाने के लिए क्या करती है, और क्यों?
ऐन के मम्मी और पापा ने अज्ञातवास में जाने की तैयारी कब और कैसे शुरू की थी?
ऐन को बुधवार तक अपनी जिंदगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में सोचने का अवसर क्यों नहीं मिला?
19 मार्च, 1941 वाले पन्ने पर ऐन ने हिटलर और एक सैनिक की बातचीत को प्रस्तुत किया है। इस बातचीत से आप जर्मनी के सैनिकों के बारे में क्या अनुमान करते हैं?
अज्ञातवास में रहते हुए भी ऐन फिल्मों के प्रति अपनी रुचि एवं जानकारी कैसे बनाये रखती है?
ऐन अपनी सहायता करने वाले लोगों के बारे में क्या विचार व्यक्त करती है?
ऐन ने अन्तर्राष्ट्रीय राजनीतिक संबंधों के बारे में भी टिप्पणी की है। सिद्ध कीजिए।
डच मंत्री की किस घोषणा से ऐन रोमांचित हो उठी?
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