डायरी के पन्ने

Question

अज्ञातवास के दिनों का वर्णन ऐन ने कैसे किया है?

Answer

ऐन ने अपने अज्ञातवास के दिनों का करुणाजनक वर्णन किया है। वह बताती है कि वे लोग छोटी-छोटी बातों पर सहम जाते थे। उनके पास डरने या चिल्लाने के अलावा कोई चारा नहीं था। वे केवल सोचते रहते थे कि क्या होगा? उनके मन में एक खौफ बना रहता था कि कहीं वे सभी पकड़े तो नहीं जाएँगे। उन्हें अपनी गिरफ्तारी का हर क्षण भय लगा रहता था। इस भय के कारण उनका जीवन असहज हो गया था।

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'प्रकृति-प्रदत्त प्रजनन-शक्ति के उपयोग का अधिकार बच्चे पैदा करें या न करें अथवा कितने बच्चे पैदा करें-इसकी स्वतंत्रता स्त्री से छीन कर हमारी विश्व-व्यवस्था ने न सिर्फ स्त्री को व्यक्तित्व विकास के अनेक अवसरों से वंचित किया है बल्कि जनांधिक्य की समस्या भी पैदा की है'। ऐन की डायरी के 13 जून, 1944 के अंश में व्यक्त विचारों के संदर्भ में इस कथन का औचित्य ढूँढे।

“ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज़ है, तो साथ ही उसके निजी सुख-दुःख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फर्क मिट गया है।” इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति या असहमति तर्कपूर्वक व्यक्त करें।

ऐन ने अपनी डायरी ‘किट्टी’ (एक निर्जीव गुड़िया) को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी?

ऐन के साथ कौन-कौन से लोग छुपे हुए थे?

ऐन ने अपने थैले में कौन-कौन से अजीबोगरीब चीजें भरीं और क्यों?

ऐन अधिक से अधिक कपड़े ले जाने के लिए क्या करती है, और क्यों?

ऐन के मम्मी और पापा ने अज्ञातवास में जाने की तैयारी कब और कैसे शुरू की थी?

ऐन को बुधवार तक अपनी जिंदगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में सोचने का अवसर क्यों नहीं मिला?

19 मार्च, 1941 वाले पन्ने पर ऐन ने हिटलर और एक सैनिक की बातचीत को प्रस्तुत किया है। इस बातचीत से आप जर्मनी के सैनिकों के बारे में क्या अनुमान करते हैं?

अज्ञातवास में रहते हुए भी ऐन फिल्मों के प्रति अपनी रुचि एवं जानकारी कैसे बनाये रखती है?