जूझ
लेखक बचपन में कविताएँ किस तरह लिखता है?
लेखक को यह विश्वास था कि वह अपने आस-पास, अपने गाँव, अपने खेतों से जुड़े कई दृश्यों पर कविता बना सकता है। वह भैंस चराते-चराते फसलों पर या जंगली फूलों पर तुकबंदी करने लगा। कविता लिखने के लिए उसने अपने पास कागज और पेंसिल भी रखना शुरू कर दिया। उसके न होने पर लकड़ी के छोटे टुकड़े से भैंस की पीठ पर लिखता था या पत्थर की शिला पर कंकड़ से लिख लेता था। कविता पूरी तरह याद कर लेने या लिख लेने पर उसे अपने मास्टर को दिखा लेता था।
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लेखक की माँ का उसके पिता के बारे में क्या सोचना था? उसकी माँ ने उसका साथ किस प्रकार दिया?
दत्ता जी राव के पास जाने के बाद लेखक की माँ ने उन्हें किस बात का विश्वास दिलाया?
लेखक ने दत्ताजी राव को किस बात का विश्वास दिलाया?
दत्ता जी राव के सामने लेखक के पिता ने उसकी पढ़ाई रोक देने के क्या कारण बताये हैं?
पड़ाने के लिए लेखक के पिता ने क्या-क्या शर्त रखी?
अथवा
दादा ने मन मारकर अपने बच्चे को स्कूल भेजने की बात मान तो ली, पर खेती-बड़ी के बारे में उससे क्या-क्या वचन लिए? ‘जूझ’ के आधार पर उत्तर दीजिए।
लेखक को मास्टर की छड़ी की मार अच्छी क्यों लगती है?
दुबारा पाठशाला जाने के बाद लेखक का पहले दिन का अनुभव कैसा रहा?
बसंत पाटील को लेखक ने अपना दोस्त बनाने की कोशिश क्यों की?
लेखक बचपन में कविताएँ किस तरह लिखता है?
सौंदलगेकर कौन थे तथा उनकी क्या विशेषता थी?
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