हरिवंशराय बच्चन
कौन-सा विचार दिन ढलने के बाद लौट रहे पंथी के कदमों को धीमा कर देता है? ‘बच्चन, के गीत के आधार पर उत्तर दीजिए।
सभी प्राणी अपने-अपने घरों की ओर लौटने को व्याकुल हैं क्योंकि घरों में उनकी प्रतीक्षा हो रही होगी। कवि निराश एवं हताश है क्योंकि घर पर उसकी प्रतीक्षा करने वाला कोई नहीं है। भला वह किसके लिए तेज गति से चले। उसे तो यह प्रश्न शिथिल बना देता है। उसका मन उद्विग्न हो उठता है, वह विषाद से घिर जाता है। दिन जल्दी-जल्दी ढलकर उसकी रात्रिकालीन व्यथा को बढ़ाने की ओर बढ़ता जाता है।
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दिये गये काव्याशं सप्रसंग व्याख्या करें?
कवि क्या लिए फिरता है?
कवि को यह संसार कैसा प्रतीत होता है?
कवि किस मन: स्थिति में रहता है?
कवि इस संसार में अपना जीवन किस प्रकार से बिताता है?
उन्मादों में अवसाद लिए फिरता हूँ,
जो मुझको बाहर हँसा, रुलाती भीतर,
मैं, हाय 2 किसी की याद लिए फिरता हूँ,
कर यत्न मिटे सब, सत्य किसी ने जाना?
नादान वहीं है, हाय, जहाँ पर दाना!
फिर छू न क्या जग, जो इस पर भी सीखे?
मैं सीख रहा हूँ, सीखा ज्ञान भुलाना!
कवि कैसा उन्माद लिए फिरता है? इसका उसे क्या प्रतिफल मिलता है?
कवि किस मन: स्थिति में जी रहा है और क्यों?
कवि इस संसार के बारे में क्या बताता है?
कौन व्यक्ति मूर्ख है और क्यों?
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