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हरिवंशराय बच्चन

Question
CBSEENHN12026014

कवि इस संसार में अपना जीवन किस प्रकार से बिताता है?

Solution

कवि इस संसार में मस्ती भरा जीवन बिताता है। कवि को इस संसार रूपी सागर को पार करने के लिए भले ही नाव बनाए पर कवि को किसी सहारे की आवश्यकता नहीं है। वह तो इस भव सागर की लहरों पर बहना चाहता है।

Some More Questions From हरिवंशराय बच्चन Chapter

कवि संसार के बारे में क्या बताता है?

दिये गये काव्याशं सप्रसंग व्याख्या करें?

कवि क्या लिए फिरता है?

कवि को यह संसार कैसा प्रतीत होता है?

कवि किस मन: स्थिति में रहता है?

कवि इस संसार में अपना जीवन किस प्रकार से बिताता है?

प्रस्तुत पक्तियों का सप्रसंग व्याख्या करें?

मैं यौवन का उन्माद लिए फिरता हूँ,

उन्मादों में अवसाद लिए फिरता हूँ,

जो मुझको बाहर हँसा, रुलाती भीतर,

मैं, हाय 2 किसी की याद लिए फिरता हूँ,

कर यत्न मिटे सब, सत्य किसी ने जाना?

नादान वहीं है, हाय, जहाँ पर दाना!

फिर छू न क्या जग, जो इस पर भी सीखे?

मैं सीख रहा हूँ, सीखा ज्ञान भुलाना!

कवि कैसा उन्माद लिए फिरता है? इसका उसे क्या प्रतिफल मिलता है?

कवि किस मन: स्थिति में जी रहा है और क्यों?

कवि इस संसार के बारे में क्या बताता है?