चंद्र गहना से लौटती बेर
कविता को पढ़ते समय कुछ मुहावरे मानस-पटल पर उभर आते हैं, उन्हें लिखिए और अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
1. हृदय का दान-(अधिक मूल्यवान वस्तु किसी को दे देना) बेटी को विदा करते समय उसे ऐसा लग रहा था मानो उसने अपने हृदय का दान कर दिया हो।
2. गले में डालना - (जल्दी से खाना)- मालिक को आता देख मजदूरों ने रोटियाँ गले में डाल लीं।
3. पैरों के तले -(छोटी वस्तु) पूँजीपति वर्ग समाज के लोगों को अपने पैरों के तले रखते हैं।
4. सिर पर चढ़ाना -(अधिक लाड़-प्यार करना) सोहन के माता - पिता ने अपने बेटे को अधिक प्यार देकर सर पर चढ़ा दिया।
5. बीता -भर (छोटा-सा)- बीता भर की दिखने वाली यह लड़की, और बातें तो देखो इतनी बड़ी-बड़ी करती है।
6. प्यास न बुझना -(संतुष्ट न होना) इतना धन होने के बाद भी अभी तक उसकी धन की प्यास नहीं बुझी।
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सरसों को ' सयानी ' कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा?
अलसी के मनोभावों का वर्णन कीजिए।
अलसी के लिए 'हठीली' विशेषण का प्रयोग क्यों किया गया है?
'चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा' में कवि की किस सूक्ष्म कल्पना का आभास मिलता है?
कविता के आधार पर 'हरे चने' का सौंदर्य अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।
कवि ने प्रकृति का मानवीकरण कहाँ-कहाँ किया है?
कविता में से उन पंक्तियों को ढूँढ़िए जिनमें निम्नलिखित भाव व्यंजित हो रहा है -
और चारों तरफ़ सुखी और उजाड़ ज़मीन है लेकिन वहाँ भी तोते का मधुर स्वर मन को स्पंदित कर रहा है।
'और सरसों की न पूछो' - इस उक्ति में बात को कहने का खास अंदाज़ है। हम इस प्रकार की शैली का प्रयोग कब और क्यों करते हैं?
काले माथे और सफ़ेद पंखों वाली चिड़िया आपकी दृष्टि में किस प्रकार के व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती है?
बीते के बराबर, ठिगना, मुरैठा आदि सामान्य बोलचाल के शब्द हैं, लेकिन कविता में इन्हीं से सौंदर्य उभरा है और कविता सहज बन पड़ी है। कविता में आए ऐसे ही अन्य शब्दों की सूची बनाइए।
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