मेरा छोटा- सा निजी पुस्तकालय - धर्मवीर भारती

Question

माँ लेखक की स्कूली पढ़ाई को लेकर क्यों चितित रहती थी?

Answer

लेखक स्कूल की किताबों के अतिरिक्त बाकी किताबें ज्यादा पढ़ता था। वह कक्षा की किताबें नहीं पढ़ता था। माँ को चिंता थी कि कहीं वह साधु बनकर घर से भाग न जाए। उनका मानना था कि जीवन में यही पढ़ाई काम आएगी। माँ कि चिंता को मिटाने के लिए लेखक ने पिता के कहने पर पाठ्‌य-पुस्तकों का अध्ययन करना आरम्भ कर दिया। तीसरी चौथी कक्षा में अच्छे अंक लाकर माँ की चिंता दूर कर दी। जब पाँचवी कक्षा में प्रथम आए तब माँ ने आँसू भरकर उन्हें गले से लगा लिया।

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Some More Questions From मेरा छोटा- सा निजी पुस्तकालय - धर्मवीर भारती Chapter

लेखक का ऑपरेशन करने से सर्जन क्यों हिचक रहे थे?

‘किताबों वाले कमरे’ में रहने के पीछे लेखक के मन में क्या भावना थी?

लेखक के घर में कौन-कौन-सी पत्रिकाएँ आतीं थी?

लेखक को किताबें पढ़ने और सहेजने का शौक कैसे लगा?

माँ लेखक की स्कूली पढ़ाई को लेकर क्यों चितित रहती थी?

स्कूल से इनाम में मिली अंग्रेज़ी की दोनों पुस्तकों ने किस प्रकार लेखक के लिए नयी दुनिया के द्वार खोल दिए?

‘आज से यह खाना तुम्हारी अपनी किताबों का। यह तुम्हारी अपनी लीइब्रेरी है’- पिता के इस कथन से लेखक को क्या प्रेरणा मिली?

लेखक द्वारा पहली पुस्तक खरीदने की घटना का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

‘इन कृतियों बीच अपने को कितना मेरा-भरा महसूस करता हूँ’- का आशय स्पष्ट कीजिए?

लेखक अपने कमरे में लेटे-लेटे क्या देखता रहता था?