Question
‘आज से यह खाना तुम्हारी अपनी किताबों का। यह तुम्हारी अपनी लीइब्रेरी है’- पिता के इस कथन से लेखक को क्या प्रेरणा मिली?
Solution
आज से यह खाना तुम्हारी अपनी किताबों का, यह तुम्हारी अपनी लाइब्रेरी है। पिताजी के इस कथन ने लेखक में पुस्तकों के संकलन की चाह पैदा की। यहाँ से आरम्भ हुई उस बच्चे की लाइब्रेरी। बच्चा किशोर हुआ, स्कूल से कॉलेज कॉलेज से युनिवर्सिटी गया, डॉक्टरेट हासिल की, युनिवर्सिटी में अध्यापन किया, अध्यापन छोड़कर इलाहाबाद से बंबई आया संपादन किया। उसी अनुपात में अपनी लाइब्रेरी का विस्तार करता गया। किताबें पढ़ने का शौक तो ठीक, किताबें इकट्ठी करने की सनक सवार हुई। बचपन के अनुभव तथा पिता के कथन की प्रेरणा से उनकी घरेलू लाइब्रेरी को स्थापित किया।