मेरा छोटा- सा निजी पुस्तकालय - धर्मवीर भारती

Question
CBSEENHN9001137

‘किताबों वाले कमरे’ में रहने के पीछे लेखक के मन में क्या भावना थी?

Solution

किताबों वाले कमरें में रहने के पीछे लेखक के मन में पुस्तकों का वह संकलन था जो उसके बचपन से लेकर आज तक संबंधित था। जब उन्हें अस्पताल से घर लाया गया तो उन्होनें ज़िद की थी कि वे अपने आपको उनके साथ जुड़ा हुआ अनुभव कर सकें। उनके प्राण इन हजारों किताबों में बसे हुए थे। जो पिछले चालीस-पचास बरस में धीरे-धीरे जमा होती गई थीं।

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