अग्नि पथ - हरिवंश राय बच्चन
शिल्प सौन्दर्य:
1. इस पद्यांश में संघर्षशील मनुष्य का प्रभावशाली वर्णन है।
2. खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है।
3. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
4. भाषा सरल, सरस व रोचक है।
5. भावात्मक व संबोधनात्मक शैली का प्रयोग किया गया है।
6. शब्दों की आवृत्ति में ध्वन्यात्मक सौन्दर्य निहित है।
7. तत्सम शब्दों का प्रयोग हुआ है।
8. लथपथ, लथपथ, लथपथ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
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