निम्नलिखित काव्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये: पापी ने मंदिर में घुसकर किया अनर्थ बड़ा भारी; कलुषित कर दी है मंदिर की चिरकालिक शुचिता सारी।” ऐं, क्या मेरा कलुष बड़ा है देवी की गरिमा से भी; किसी बात में हूँ मैं आगे माता की महिमा के भी?
उसने देवी के सन्मुख स्वयं को क्या माना था?
शक्तिशाली
अकिचन
प्रभुतासम्पन्न
दोषी
Answer
Multi-choise Question
B.
अकिचन
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