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एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त

Question
CBSEENHN9000851

मंदिर के सौन्दर्य का वर्णन अपने शब्दों में करो।

Solution
देवी माँ का मंदिर ऊँचे पहाड़ की चोटी पर स्थित था। वह आकार मे बहुत विशाल और विस्तृत था। सूरज की किरणों के प्रकाश में उसका सुनहरा कलश खिल उठता था। मंदिर का गिन सदा दीप और धूप के प्रकाश और सुगंध से महकता रहता था। मंदिर के भक्तजन मीठी आवाज में भक्ति भरे गीत गाते रहते थे। वहाँ नित्य देवी का गुणगान होता रहता था। इस प्रकार मंदिर का वातावरण उत्सव के समान उल्लासमय प्रतीत होता था।

Some More Questions From एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त Chapter

बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की?

सुखिया के पिता पर कौन-सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया?

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को किस रूप में पाया?

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
इस कविता का केंद्रीय भाव शब्दों में लिखिए।

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
इस कविता में से कुछ भाषिक प्रतीकों/ बिंबों को. छाँटकर लिखिए-
उदाहरण: अंधकार की छाया
(i) .........................     (ii) ..........................
(iii) ........................      (iv)..........................
(v) .........................

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
अविश्रांत बरसा करके भी
आँखे तनिक नहीं रीती।

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
हाय! वही चुपचाप पड़ी थी
अटल शांति-सी धारण कर

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
पापी ने मंदिर में घुसकर
किया अनर्थ बड़ा भारी