निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
पापी ने मंदिर में घुसकर
किया अनर्थ बड़ा भारी
प्रस्तुत पंक्ति का यह आशय है कि जब सुखिया का पिता उसकी मनोकामना पूरी करने के लिए मंदिर से फूल लेने जाता है। तब उच्च वर्ग के लोगों ने उसके पिता को अछूत और पापी कहकर उसका घोर अपमान किया। उसका मंदिर मे आना उन्हें अच्छा नहीं लगा और उन्होंने उसके इस प्रयास को अनर्थ बतलाया।
अर्थ-सौन्दर्य: प्रस्तुत पंक्ति का अर्थ-सौन्दर्य यह है कि जिस व्यक्ति ने कोई पाप नहीं किया और उसके मंदिर में आने के प्रयास को ही समाज ने उच्च वर्गीय लोगों ने पाप और अनर्थ का नाम दिया।



