Question
निम्नलिखित पंक्तिओं को पढ़कर उनका भाव पक्ष लिखिए:
उद्वेलिकत कर अश्रु-राशियाँ
हृदय- चिताएँ धधकार,
महा महामारी प्रचड़ं हो
फैल रही थी इधर-उधर।
क्षीण-कंठ मृतवत्साओं का
करुण रुदन दुर्दात नितांत
भरे हुए था निज कृश रव में
हाहाकार अपार अशांत ।
Solution
कवि महामारी के प्रचण्ड प्रकोप का वर्णन करते हुए कहता है कि चारों ओर महामारी फैली हुई थी। उसके कारण पीड़ित लोगों की आँखों से आँसुओं की झड़ियाँ उमड़ आई थी। उनके हृदय चिताओं की भाँति धधक उठे थे। अब लोग दुख के मारे बेचैन थें। अपने बच्चों को मरा हुआ देखकर माताओं के कंठ से अत्यन्त कमजोर स्वर में करुण रूदन निकल रहा था। वातावरण बहुत हृदय विदारक था। सब और अत्यधिक व्याकुल कर देने वाला हाहाकार मचा हुआ था। माताएँ कमज़ोर स्वर में रूदन मचा रही थी।