निम्नलिखित काव्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये: सिंह पौर तक भी आँगन से नहीं पहुँचने मैं पाया, सहसा यह सुन पड़ा कि-”कैसे यह अछूत भीतर आया? पकड़ो देखो भाग न जावे बना धूर्त यह है कैसा; साफ-स्वच्छ परिधान किए है, भले मानुषों के जैसा !
सुखिया का पिता पकड़े जाने तक कहाँ नहीं पहुँचा था?
मुख्य द्वार तक
पूजा-स्थल तक
मंदिर के भीतर
देवी माँ की प्रतिमा तक
Answer
Multi-choise Question
A.
मुख्य द्वार तक
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