निम्नलिखित पद्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये बहुत रोकता था सुखिया को, ‘न जा खेलने को बाहर’, नहीं खेलना रुकता उसका नहीं ठहरती वह पल-भर। मेरा हृदय काँप उठता था बाहर गई निहार उसे; यही मनाता था कि बचा लूँ किसी भाँति इस बार उसे।
वह अपने हृदय में क्या मनाता रहता था?
महामारी का प्रकोप समाप्त हो जाए
महामारी के प्रकोप से बचा ले
बेटी को बीमारी से बचाने
हर समय उसका ख्याल रखने लगा
Answer
Multi-choise Question
C.
बेटी को बीमारी से बचाने
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Some More Questions From एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त Chapter