एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त
प्रस्तुत पंक्ति का यह आशय है कि तीव्र ज्वर के कारण सुखिया चुपचाप निढाल होकर ऐसे बिस्तर पर लेटी हुई थी जैसे उसने मृत्यु से पहले की अटल शांति को धारण कर लिया हो।
अर्थ-सौन्दर्य: अर्थ की सुंदरता यह है कि ज्वर ग्रस्त होने के कारण सुखिया की चंचलता समाप्त हो गई थी और वह शांत भाव से चुपचाप लेटी हुई थी जैसे उसने अटल शांति को धारण कर लिया हो।
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