अब कैसे छूटै राम नाम - रैदास
रैदास जाति से चमार थे। समाज उन्हें अछूत मानता था। लोग उन्हें छूने में भी पाप समझते थे। ऐसा नीच माना जाने पर भी उन पर प्रभु कृपा हुई। वे प्रसिद्ध संत बन गए। उन्हें समाज के उच्च वर्ग ने भी सम्मानित किया। इसलिए उन्हें लगा कि यह उन पर ईश्वर की कृपा है। यह प्रभु के द्रवित होने का परिणाम है।
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रैदास के इन पदों का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
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