Question
नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
जैसे चितवत चंद चकोरा
Solution
भक्त हमेशा भवसागर से पार कराने वाले परमात्मा के प्रति स्वयं को अर्पित कर देना चाहता है। हर क्षण उसी के रूप-दर्शन करने की इच्छा करता है। जिस प्रकार चकोर दिन-रात चाँद को निहारना चाहता है। उसी प्रकार रैदास भी प्रभु रुपी चाँद को एकटक निहारना चाहता है। इसलिए एक क्षण के लिए भी उसका ध्यान प्रभु भक्ति से नहीं हटता।



