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अब कैसे छूटै राम नाम - रैदास

Question
CBSEENHN9000677

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
जैसे चितवत चंद चकोरा

Solution
भक्त हमेशा भवसागर से पार कराने वाले परमात्मा के प्रति स्वयं को अर्पित कर देना चाहता है। हर क्षण उसी के रूप-दर्शन करने की इच्छा करता है। जिस प्रकार चकोर दिन-रात चाँद को निहारना चाहता है। उसी प्रकार रैदास भी प्रभु रुपी चाँद को एकटक निहारना चाहता है। इसलिए एक क्षण के लिए भी उसका ध्यान प्रभु भक्ति से नहीं हटता।

Some More Questions From अब कैसे छूटै राम नाम - रैदास Chapter

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
जाकी अँग-अँग बास समानी

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
जैसे चितवत चंद चकोरा

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
जाकी जोति बरै दिन राती

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै

रैदास के इन पदों का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।

रैदास की भक्ति दास्य भाव की है-सिद्ध कीजिए।

रैदास को क्यों लगता है कि उनके प्रभु उन पर द्रवित हो गए हैं?

कवि की दृष्टि में गरीबों और दीन दुखियों का रक्षक कौन है?

निम्न कोटि के लोगों को गोबिन्द कैसे तारते है?