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अब कैसे छूटै राम नाम - रैदास

Question
CBSEENHN9000683

रैदास को क्यों लगता है कि उनके प्रभु उन पर द्रवित हो गए हैं?

Solution
रैदास जाति से चमार थे। समाज उन्हें अछूत मानता था। लोग उन्हें छूने में भी पाप समझते थे। ऐसा नीच माना जाने पर भी उन पर प्रभु कृपा हुई। वे प्रसिद्ध संत बन गए। उन्हें समाज के उच्च वर्ग ने भी सम्मानित किया। इसलिए उन्हें लगा कि यह उन पर ईश्वर की कृपा है। यह प्रभु के द्रवित होने का परिणाम है।

Some More Questions From अब कैसे छूटै राम नाम - रैदास Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
दूसरे पद में कवि ने ‘गरीब निवाजु’ किसे कहा है? स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
दूसरे पद की ‘जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै’ इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘रैदास’ ने अपने स्वामी को किन-किन नामों से पुकारा हैं?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए-
मोरा, चंद, बाती, जोति, बरै, राती, छत्रु, धरै, छोति. तुहीं, गुसईआ।

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
जाकी अँग-अँग बास समानी

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
जैसे चितवत चंद चकोरा

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
जाकी जोति बरै दिन राती

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै

नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै

रैदास के इन पदों का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।