Question
नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै
Solution
कवि ने ईश्वर को पतित पावन, भक्त वत्सल, दीनानाथ व उद्धारक कहा है। निम्न श्रेणी के लोगों को भी प्रभु ऊँचा कर देता है। वह अपने भक्तों पर दया करता है। तथा उनका उद्धार कर देता है। उनका गोबिन्द किसी से नहीं डरता। कवि ने प्रभु को नाम देकर भी उसके निराकार रूप की ही चर्चा की है। गरीबों के दुःख दर्द को समझने वाला वही ईश्वर है। वहीं उन्हें पीड़ाओं से मुक्ति दिलाने वाला है।



