धर्म की आड़ - गणेशशंकर विद्यार्थी
पड़े-लिखे, मन-माना, स्वार्थ–सिद्धिलड़ाना-भिड़ाना, नित्य-प्रति, भली–भाँतिदिन-भर, पूजा - पाठ, देश-भरसुख-दुःख
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