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धर्म की आड़ - गणेशशंकर विद्यार्थी

Question
CBSEENHN9000617

(ख) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
‘बुद्धि की मार’ के सबंध में लेखक के क्या विचार हैं?

Solution
‘बुद्धि की मार’ से लेखक का अर्थ है लोगों की बुद्धि में ऐसे विचार भरना जिससे वे गुमराह हो जाएं। इससे उनके सोचने-समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है। लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काया जाता है। उनके मन में दूसरे धर्म के विरूद्ध गलत धारणा भरी जाती है और सामान्य लोगों को धर्म-ईमान और आत्मा के नाम पर आपस में लड़वा देते हैं।

Some More Questions From धर्म की आड़ - गणेशशंकर विद्यार्थी Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
धर्म के स्पष्ट चिह्न क्या हैं?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
चलते-पुरज़े लोग धर्म के नाम पर क्या करते हैं?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
चालाक लोग साधारण आदमी की किस अवस्था का लाभ उठाते है?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
आनेवाला समय किस प्रकार के धर्म को नहीं टिकने नहीं देगा?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
कौन-सा कार्य देश की स्वाधीनता के विरुद्ध समझा जाएगा?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
पाश्चात्य देशों में धनी और निर्धन लोगों में क्या अतंर है?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
कौन-से लोग धार्मिक लोगों से अधिक अच्छे है?

(ख) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले भीषण व्यापार को कैसे रोका जा सकता है?

(ख) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
‘बुद्धि की मार’ के सबंध में लेखक के क्या विचार हैं?

(ख) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
लेखक की दृष्टि में धर्म की भावना कैसी होनी चाहिए?