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धर्म की आड़ - गणेशशंकर विद्यार्थी
पाश्चात्य देशों में धनी लोगों की ऊँची-ऊँची इमारतें गरीब लोगों का मजाक बनाती है। उसके अतिरिक्त उनके पास सभी सुख-सुविधाएँ हैं। गरीब लोगों का शोषण करके ये लोग धनी बने हैं। धन का मार्ग दिखाकर ये निर्धन लोगों को वश में करते हैं। फिर मनमाना धन पैदा करने के लिए उन्हें दबाते हैं। क्योंकि गरीब लोगों को रोटी के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ता है। इतना परिश्रम करने के बाद भी इन्हें झोपड़ियों में जीवन बिताना पड़ता है। इसी कारण ही साम्यवाद और बोल्शेविज्म का जन्म हुआ।
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