धूल - रामविलास शर्मा

Question

निन्नलिखित गद्यांशों प्रशनों को पढ़कर नीचे लिखे  के उत्तर दीजिए-
गोधूलि पर कितने कवियों ने अपनी कलम नहीं तोड़ दी, लेकिन यह गोधूलि गाँव की अपनी संपत्ति है, जो शहरों के बाटे नहीं पड़ी। एक प्रसिद्ध पुस्तक विक्रेता के निमंत्रण-पत्र में गोधूलि की बेला में आने का आग्रह किया गया था, लेकिन शहर में भूल- धक्कड़ के होते हुए भी गोधूलि कहाँ? यह कविता की विडंबना थी और गाँवों में भी जिस धूलि को कवियों ने अमर किया है. वह हाथी-घोड़ों के पग-संचालन से उत्पन्न होनेवाली धूल नहीं है, वरन् गो-गोपालों के पदों की धधु-लि है। 
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
(ख) गोधूलि को गाँव की सपंत्ति क्यों कहा गया है?
(ग) पुस्तक विक्रेता ने निमत्रंण-पत्र में गोधूलि-बेला लिखकर क्या गलती की?
(घ) कवियों ने किस भूल को अमर कर दिया?









Answer

(क) पाठ- धूल, लेखक-राम विलास शर्मा।
(ख) गोधूलि को गाँव की संपत्ति कहा गया है। यह नगरों में नहीं होती। इसका कारण यह है कि गायों और -वालों के पैरों के चलने से उठी धूल को गोधूलि कहते हैं। शहरों में न तो गाएँ होती है और न ग्वाले और न उनके पैरों से उठी धूल। इसलिए गोधूलि गाँव की संपत्ति है न कि शहरों की।
(ग) पुस्तक विक्रेता ने निमंत्रण-पत्र में गोधूलि-बेला लिख दिया। परन्तु शहर में धूल- धक्कड़ के अतिरिक्त न तो ग्वाले है और न ही गायें और न ही उनके पैरों से उठने वाली धूल। इसलिए यह उसकी गलती थी।
(घ) कवियों ने उस धूल को अमर कर दिया जो गाँवों और -वालों के चलने से उनके पैरों से उड़ती है। यह हाथी-घोड़ों के पैरों के चलने से उठने वाली धूल नहीं है।

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Some More Questions From धूल - रामविलास शर्मा Chapter

निन्नलिखित गद्यांशों प्रशनों को पढ़कर नीचे लिखे  के उत्तर दीजिए-
हमारी देशभक्ति धूल को माथे से न लगाए तो कम-से-कम उस पर पैर तो रखे। किसान के हाथ-पैर, मुँह पर छाई हुई यह धूल हमारी सम्यता से कक्याकहती है? हम काँच को प्यार करते हैं, धूलि भरे हीरे में धूल ही दिखाई देती है, भीतर की कांति आँखों से ओझल रहती है, लेकिन ये हीरे अमर है और एक दिन अपनी अमरता का प्रमाण भी देंगे। अभी तो उन्होंने अटूट होने का ही प्रमाण दिया है- “हीरा वही घन चोट न टूटे।” वे उलटकर चोट भी करेंगे और तब काँच और हीरे का भेद जानना बाकी न रहेगा। तब हम हीरे से लिपटी हुई धूल को भी माथे से लगाना सीखेंगे।
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
(ख) हमारी देशभक्ति कैसे प्रमाणित होगी?
(ग) हमें धूलि और हीरे में भूल दिखाई देती है-व्यंग्य स्पष्ट कीजिए।
(घ) ‘हीरा वही घन चोट न टूटे’ से क्या अभिप्राय है?










निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए:
हीरे के प्रेमी उसे किस रूप में पसंद करते है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए:
लेखक ने संसार में किस प्रकार के सुख को दुर्लभ माना है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए:
मिट्‌टी की आभा क्या है? उसकी पहचान किससे होती है?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए:
धूल के बिना किसी शिशु की कल्पना क्यों नहीं की जा सकती?


(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए:
हमारी सभ्यता धूल से क्यों बचना चाहती है?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए:
अखाड़े की मिट्‌टी की क्या विशेषता होती है?

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
श्रद्धा, भक्ति, स्नेह की व्यंजना के लिए धूल सर्वोत्तम साधन किस प्रकार है?

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
इस पाठ में लेखक ने नगरीय सभ्यता पर क्या व्यंग्य किया है?

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
लेखक ‘बालकृष्ण’ के मुँह पर छाई गोधूलि को क्यों श्रेष्ठ मानता है?