भगवान के डाकिए
कवि का कथन है कि पक्षी तथा बादल भगवान के डाकिए हैं। जो विश्व-बंधुत्व, एकता व आपसी सहयोग की चिट्ठियाँ बाँटते है। उनके द्वारा ईश्वर से लाई चिट्ठियों को पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ ही पढ पाते है। एक देश में खिलने वाले फूलों की सुगंध दूसरे देश में हवा व पक्षियों के पंखों द्वारा पहुँच जाती है। इसी प्रकार एक देश का भाप बना जल बादलों द्वारा दूसरे देश में बरसता है। भाव यह है कि बादल व पक्षियों द्वारा विश्व-बंधुत्व का ईश्वरीय संदेश संपूर्ण विश्व को प्रेरित करता है।
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