भगवान के डाकिए

Question
CBSEENHN8000651

पक्षी और बादल की चिट्टियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?

Solution

पक्षी और बादल की लाई हुई चिट्ठियों में से पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ ईश्वर का दिया विश्व बंधुत्व का संदेश पढ़ लेते हैं। वे यह अहसास करते हैं कि हवा व पक्षियों के पंखों से उड़-उड़कर आने वाली सुगंध और एक देश के जल की भाप से बना बादल दूसरे देश में बरसकर विश्व-बंधुत्व की भावना का ही प्रसार करते हैं। जबकि मानव सीमाओं के बंधनों में बंधे होने के कारण यह कार्य नहीं कर सकता परंतु वे बंधन मुक्त होने के कारण यह कार्य स्वच्छंदतापूर्वक कर सकते हैं।

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Some More Questions From भगवान के डाकिए Chapter

पक्षी और बाबल द्वारा लाई गई चिट्टियों को कौन-कौन पढ पाते हैं? सोचकर लिखिए।

किन पंक्तियों का भाव है-
पक्षी और बादल प्रेम सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।

किन पंक्तियों का भाव है-
प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।


पक्षी और बादल की चिट्टियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?

“एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” - कथन का भाव स्पष्ट कीजिए। 

आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए बस पंक्तियाँ लिखिए।

'हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका क्या हैं? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।'

पक्षी और बादल की चिट्टियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?

डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू www.) तथा पक्षी और बादल-इन तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए। “चट्टियों की अनूठी दुनिया” पाठ का सहयोग ले सकते हैं।

भगवान के डाकिए कौन हैं?