भगवान के डाकिए

Question
CBSEENHN8000655

पक्षी और बादल की चिट्टियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?

Solution

पक्षी और बादलों की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम वास्तविक रूप में समझ नहीं पाते। जबकि पक्षियों द्वारा फूलों की सुगंध को एक से दूसरे देश में पहुँचाना व बादलों का एक देश के पानी को भाप बनाकर दूसरे दश में बरसाना विश्व-बंधुत्व की भावना को दर्शाता है। मनुष्य को चाहिए कि उनसे सीख लेकर वर्ण व जातीय बंधन की बेड़ियों को तोड़ दें।

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Some More Questions From भगवान के डाकिए Chapter

“एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” - कथन का भाव स्पष्ट कीजिए। 

आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए बस पंक्तियाँ लिखिए।

'हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका क्या हैं? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।'

पक्षी और बादल की चिट्टियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?

डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू www.) तथा पक्षी और बादल-इन तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए। “चट्टियों की अनूठी दुनिया” पाठ का सहयोग ले सकते हैं।

भगवान के डाकिए कौन हैं?

‘भगवान के डाकिए’ कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।

‘भगवान के डाकिए’ कविता से क्या संदेश मिलता है? 

कवि ने भगवान के डाकिए किन्हें कहा है?

इस कविता द्वारा क्या संदेश दिया गया है?