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भगवान के डाकिए

Question
CBSEENHN8000652

“एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” - कथन का भाव स्पष्ट कीजिए। 

Solution
कवि का कथन है कि पक्षी तथा बादल भगवान के डाकिए हैं। जो विश्व-बंधुत्व, एकता व आपसी सहयोग की चिट्ठियाँ बाँटते है। उनके द्वारा ईश्वर से लाई चिट्ठियों को पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ ही पढ पाते है। एक देश में खिलने वाले फूलों की सुगंध दूसरे देश में हवा व पक्षियों के पंखों द्वारा पहुँच जाती है। इसी प्रकार एक देश का भाप बना जल बादलों द्वारा दूसरे देश में बरसता है। भाव यह है कि बादल व पक्षियों द्वारा विश्व-बंधुत्व का ईश्वरीय संदेश संपूर्ण विश्व को प्रेरित करता है।

Some More Questions From भगवान के डाकिए Chapter

किन पंक्तियों का भाव है-
पक्षी और बादल प्रेम सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।

किन पंक्तियों का भाव है-
प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।


पक्षी और बादल की चिट्टियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?

“एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” - कथन का भाव स्पष्ट कीजिए। 

आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए बस पंक्तियाँ लिखिए।

'हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका क्या हैं? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।'

पक्षी और बादल की चिट्टियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?

डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू www.) तथा पक्षी और बादल-इन तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए। “चट्टियों की अनूठी दुनिया” पाठ का सहयोग ले सकते हैं।

भगवान के डाकिए कौन हैं?

‘भगवान के डाकिए’ कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।