निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ?
(क) मैथिलीशरण गुप्त ने गर्वरहित जीवन बिताने के लिए क्या तर्क दिए हैं?
(ख) बिहारी ने माला जपने और तिलक लगाने को व्यर्थ कहकर क्या संदेश देना चाहा है?
(ग) 'कर चले हम फिदा' कविता में धरती को दुलहन क्यों कहा गया है?
(क) कवि ने गर्वरहित जीवन बिताने के लिए निम्नलिखित तर्क दिए हैः
(i) गर्व मनुष्य को पतन के गर्त में ले जाता है। अतः हमें गर्व नहीं करना चाहिए।
(ii) हमें यह याद रखना चाहिए कि परमात्मा सबके साथ है। यहाँ कोई अनाथ नहीं है। अतः हमें उससे डरना चाहिए। यह याद रखना चाहिए कि वह सबके साथ न्याय करता है।
(ख)बिहारी के अनुसार ईश्वर को तो केवल सच्ची भक्ति से ही पाया जा सकता है। हाथ पर माला लेकर जपने तथा माथे पर चन्दन का तिलक लागकर जप करने से वह किसी काम नहीं आता है। यह सब बाहरी आडम्बर हैं। इस तरह के आडम्बरों से ईश्वर को पाया नहीं किया जा सकता। ये साधन साधक के लिए बाधा के समान है।
(ग) एक दूल्हे के लिए उसकी दुल्हन सबसे प्रिय होती है। उसके सम्मान और सुरक्षा की ज़िम्मेदारी उस पर होती है। उसकी रक्षा के लिए वह कुछ भी कर गुजरता है। वैसे ही एक सैनिक अपने देश की धरती की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान तक दे डालता है। अपनी धरती की रक्षा वह एक दुल्हे के समान करता है। इसलिए धरती को दुल्हन कहा गया है।