Question
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये:
छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियों
Solution
कवि सैनिकों को कहना चाहता है कि भारत का सम्मान सीता की पवित्रता के समान में है। देश की रक्षा करना तुम्हारा कर्तव्य है। देश की सीमा पर सैनिकों के होते हुए कोई दुश्मन देश में प्रवेश करके देश की अस्मिता को नहीं लूट सकता।
देश की पवित्रता की रक्षा राम और लक्ष्मण की तरह करना है। अत: राम तथा लक्ष्मण का कर्तव्य भी हमें ही निभाना है।