Question
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये:
खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर
इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई
Solution
यह गीत की प्रेरणा देने वाली पंक्तियाँ हैं। कवि का भाव है कि भारतभूमि सीता की तरह पवित्र है। शत्रु रुपी रावण हरण करने के लिए उसकी तरफ़ बढ़ रहा है इसलिए उनका आग्रह है की हम आगे बढ़कर उनकी रक्षा करें तथा ऐसी लक्ष्मण रेखा खीचें की शत्रु बढ़ न पाये यानी उसे रोकने का प्रयास करें। अतः देश की रक्षा का भार सैनिकों पर है।