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कर चले हमे फ़िदा

Question
CBSEENHN10002440

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये:
खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर
इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई

Solution

यह गीत की प्रेरणा देने वाली पंक्तियाँ हैं। कवि का भाव है कि भारतभूमि सीता की तरह पवित्र है। शत्रु रुपी रावण हरण करने के लिए उसकी तरफ़ बढ़ रहा है इसलिए उनका आग्रह है की हम आगे बढ़कर उनकी रक्षा करें तथा ऐसी लक्ष्मण रेखा खीचें की शत्रु बढ़ न पाये यानी उसे रोकने का प्रयास करें। अतः देश की रक्षा का भार सैनिकों पर है।

Some More Questions From कर चले हमे फ़िदा Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिजिए- 
क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिजिए- 
‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिजिए- 
इस गीत में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिजिए- 
गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिजिए- 
कवी ने 'साथियो' संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?     

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिजिए- 
कवि ने इस कविता में किस काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?   

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिजिए- 
इस गीत में 'सर पर कफ़न बाँधना' किस ओर संकेत करता है?   

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिजिए- 
इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दो में लिखिए 

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये:
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये:
खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर
इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई