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समकालीन दक्षिण एशिया

Question
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दक्षिण एशिया के देश एक-दूसरे पर अविश्वास करते हैं। इससे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर यह क्षेत्र एकजुट होकर अपना प्रभाव नहीं जमा पाता। इस कथन की पुष्टि में कोई भी दो उदाहरण दें और दक्षिण एशिया को मजबूत बनाने के लिए उपाय सुझाएँ।

Solution

इसमें कोई संदेह नहीं कि दक्षिण एशिया के देश एक- दूसरे पर विश्वास नहीं करते, परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ये देश एक सुर में नहीं बोल पाते जिस कारण यह अपना प्रभाव भी नहीं जमा पाते उदाहरण के लिए:

  1. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत- पाक के विचार सदैव एक दूसरे से विपरीत होते हैं।
  2. इसके अतिरिक्त सार्क के अन्य देशों को सदा ही यह भय लगा रहता है कि भारत जैसे विशाल तथा शक्तिशाली देश उन पर अपना दबदबा ना बना दे।

दक्षिण एशिया एक ऐसा क्षेत्र है जहां सद्भाव और शत्रुता, आशा और निराशा तथा पारस्परिक शंका और विश्वास साथ-साथ बसते हैं।

दक्षिण एशिया को मजबूत बनाने के लिए सुझाव:

  1. यदि हम दक्षिण एशिया को मजबूत बनाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले दक्षिण एशिया के सभी देशों के बीच विश्वास का वातावरण पैदा होना चाहिए अथवा उन्हें एक दूसरे को संदेह की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए।
  2. उन्हें आपसी समस्याओं के निवारण के लिए बाहरी शक्तियों को स्थान नहीं देना चाहिए। सार्क के सदस्य देशो को महाशक्तियों को इस क्षेत्र से दूर रखने का प्रयास करना चाहिए। संघर्ष के आपसी मुद्दों को टालने की वजह पारस्परिक विचार विमर्श के द्वारा समाधान करने का प्रयास किया जाना चाहिए।

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दक्षिण एशिया के देश एक-दूसरे पर अविश्वास करते हैं। इससे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर यह क्षेत्र एकजुट होकर अपना प्रभाव नहीं जमा पाता। इस कथन की पुष्टि में कोई भी दो उदाहरण दें और दक्षिण एशिया को मजबूत बनाने के लिए उपाय सुझाएँ।

दक्षिण एशिया के देश भारत को एक बाहुबली समझते हैं जो इस क्षेत्र के छोटे देशों पर अपना दबदबा जमाना चाहता है और उनके अंदरूनी मामलों में दखल देता है। इन देशों की ऐसी सोच के लिए कौन-कौन सी बातें जिम्मेदार हैं?