डोपिंग परीक्षण विधि को विस्तार में लिखिए।
डोपिंग परीक्षण एक तकनीकि विश्लेषण है जिसमें किसी भी एथलिस्ट के थूक, मूत्र, रक्त, पसीने इत्यादि के नमूने लिए जाते हैं और यह जाँचा जाता है कि क्या इसमें विशिष्ट पदार्थ है या नहीं।
परीक्षण विधि:
परीक्षण के समय खिलाड़ी के थूक, मूत्र, रक्त एवं के नमूने लिए जाते है। इन नमूनों को दो भागों में बाँट दिया जाता है (सैंपल ए और सैंपल बी) तथा इन्हें सील कर दिया जाता है। यदि सैंपल ए पॉजीटिव (Positive) या सकारात्मक पाया जाता है तो खिलाड़ी को सूचना दी जाती है। तथा उसका पंजीकरण किया जाता है।
इसके बाद सैंपल का परीक्षण किया जाता है। इसके बाद सैंपल बी के परीक्षण के दौरान खिलाड़ी या उसका कोच उपस्थित रहने का हकदार होता है। यदि यह सैंपल भी सकारात्मक पाया जाता है तो खिलाड़ी के खेल से संबंधित खेल संघ को सूचित किया जाता है। अब यह खेल संघ की जिम्मेदारी होती है कि वह दोषी पाए गए खिलाड़ी पर प्रतिबंध लगाएँ।



