पेशीय गति विज्ञान का शारीरिक शिक्षा एवं खेल में क्या महत्त्व है?
- गति विज्ञान के यान्त्रिक से मनुष्य की शारीरिक गतिविधियों की जानकारी प्राप्त होती है और इसमें हम यह पता लगाते है कि किस गति के लिये किस प्रकार की शक्ति की आवश्यकता पड़ेगी। इससे हमें यह भी पता पड़ता है कि गुरुत्व केन्द्र और शक्ति किस प्रकार प्रयोग में लायी जाती है।
- गति प्रणाली का प्रयोग कर इस बात का पता लगाया जाता है कि एक खिलाड़ी कम शक्ति से अधिक कार्य किस प्रकार कर सकता है और अपने कार्य क्षेत्र में कैसे निपुणता प्राप्त कर सकता है।
- इस विज्ञान द्वारा गति क्रियाओं का ज्ञान होता है जो कि मनुष्य की इच्छा शक्ति और क्षमता के अनुसार होनी चाहिए।
- इसके द्वारा यह पता लगता है कि मांसपेशियों में उत्तेजना कैसे आती है और शक्ति कहीं से प्राप्त होती है। इनका परस्पर समायोजन किस प्रकार बना रहता है।
- इस विज्ञान की मदद से खिलाड़ियों के शरीर को मजबूत सुन्दर व प्रभावशाली बनाया जाता है जिससे वह अपने खेल से सम्बन्धित कौशलों को आसानी व प्रभावशाली ढंग से कर सके।
- शारीरिक शिक्षकों व कोचों को मूलभूत कौशलों का ज्ञान इस विज्ञान से होता है जिसकी मदद से वह अपने व्यवसाय में नयी-नयी विधियों तथा तकनीकों का प्रयोग करते हैं।
- इस विज्ञान द्वारा किसी विशिष्ट क्षेत्र के लिये अभ्यासों का चयन तथा मूल्यांकन किया जाता है और इन अभ्यासों को Corrective तथा Conditioning उद्देश्यों के लिए प्रयोग किया जाता है।
- इस विज्ञान का उद्देश्य मनुष्य के शारीरिक ढांचें में सुधार लाना है जिससे की खिलाड़ी की शारीरिक गतिविधि में सफल प्रतिभाग के लिये अपने शरीर का प्रभावपूर्ण रूप से प्रयोग कर सके।
- गति विज्ञान की सहायता से खेल के उपकरणों को वैज्ञानिक आधार प्रदान किया जाता है। क्योंकि इस विज्ञान की मदद से उपकरण सुरक्षा की दृष्टि को देखकर बनाये जाते।



