Sponsor Area

पहनावे का सामाजिक इतिहास

Question
CBSEHHISSH9009542

फ्रांस के सम्प्चुअरी कानून क्या थे?

Solution

(i) सम्प्चुअरी कानूनों का मकसद था समाज के निचले तबकों के व्यवहार का नियंत्रण। उन्हें खास-खास कपड़े पहनने, खास व्यंजन खाने और खास तरह के पेय(मुख्यत:शराब) पीने और खास इलाकों में शिकार खेलने की मनाही थी।
(ii) इस तरह मध्यकालीन फ़्रांस में इस साल में कोई कितने कपड़े खरीद सकता है, यह सिर्फ़ उसकी आमदनी पर निर्भर नहीं था बल्कि उसके सामाजिक ओहदे से भी तय होता था। परिधान सामग्री भी कानून- सम्मत होनी थी।
(iii) सिर्फ़ शाही खानदान की बेशकीमती कपड़े पहन सकता था। एर्माइन, फ़र, रेशम, मखमल या ज़री की पोशाक सिर्फ़ राजा-रजवाड़े ही पहन सकते थे। कुलीनों से जुड़े कपड़ों के जनसाधारण द्वारा इस्तेमाल पर पाबंदी थी।

Some More Questions From पहनावे का सामाजिक इतिहास Chapter

यूरोपीय पोशाक संहिता और भारतीय पोशाक संहिता के बीच कोई दो फ़र्क बताइए।  

उन्नीसवीं सदी के भारत में औरतें परंपरागत कपड़े क्यों पहनती रहीं जबकि पुरुष पश्चिमी कपड़े पहनने लगे थे? इससे समाज में औरतों की स्थिति के बारे में क्या पता चलता हैं?

विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि महात्मा गांधी 'राजद्रोही मिडिल टेम्पल वकील' से ज़्यादा कुछ नहीं हैं और 'अधनंगे फकीर का दिखावा' कर रहे हैं। 

चर्चिल ने यह वक्तव्य क्यों दिया और इससे महात्मा गांधी की पोशाक की प्रतीकात्मक शक्ति के बारे में क्या पता चलता है?

समूचे राष्ट्र को खादी पहनाने का गांधीजी का सपना भारतीय जनता के केवल कुछ हिस्सों तक ही सीमित क्यों रहा?