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पहनावे का सामाजिक इतिहास

Question
CBSEHHISSH9009543

यूरोपीय पोशाक संहिता और भारतीय पोशाक संहिता के बीच कोई दो फ़र्क बताइए।  

Solution

यूरोपीय पोशाक संहिता, भारतीय पोशाक संहिता से कई मायने में भिन्न थी। कुछ प्रमुख भिन्नताएँ नीचे दी गई हैं :-
पगड़ी/हैट का प्रयोग: सिर पर धारण की जाने वाली यह दो चीज ना केवल देखने में भिन्न थीं, बल्कि उनके मायने भी जुदा-जुदा थे। भारत में पगड़ी, धुप व गर्मी से तो बचाव करती ही थी, सम्मान का प्रतीक भी थी जिसे जब चाहे उतारा नहीं जा सकता था। पश्चिमी रिवाज़ तो यह था कि जिन्हें आदर देना हो, सिर्फ़ उनके सामने हैट उतारा जाए। इस सांस्कृतिक भिन्नता से गलतफ़हमी पैदा हुई। ब्रिटिश अफ़सर जब हिन्दुस्तानियों से मिलते और उन्हें पगड़ी उतारते न पाते तो अपमानित महसूस करते। दूसरी तरफ़ बहुतेरे हिंदुस्तानी अपने क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अस्मिता को जताने के लिए जान-बूझकर पड़गी पहनते।

जूते: इसी तरह का टकराव जूतों को लेकर हुआ। उन्नीसवीं सदी की शुरुआत में रिवाज था कि फ़िरंगी अफ़सर भारतीय शिष्टाचार का पालन करते हुए देसी राजाओं व नवाबों के दरबार में जूते उतारकर जाएँगे। कुछेक अंग्रेज़ अधिकारी भारतीय वेशभूषा भी धारण करते थे। लेकिन 1830 में, सरकारी समाराहों पर उन्हें हिंदुस्तानी लिबास पहनकर जाने से मना कर दिया गया, ताकि गोरे मालिकों की सांस्कृतिक नाक ऊँची बनी रहे।