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न्यायपालिका

Question
CBSEHHISSH8008353

'इंसाफ में देरी यानि इंसाफ का क़त्ल' इस विषय पर कहानी बनाइएl

Solution

श्रीमान शंकर एक सरकारी कर्मचारी थेl उन्होंने अपना पुश्तैनी मकान किराए पर दिया हुआ था और सरकारी मकान में रहते थेl नौकरी ख़तम होने के बाद जब वे दोबारा अपने पुश्तैनी मकान में रहने आये और उन्होंने किरायदार को मकान खाली करने को कहा तो उसने मकान खाली करने से इंकार कर दियाl श्रीमान शंकर को किराय के माकन में रहना पड़ाl उन्होंने कोर्ट में किरायदार के खिलाफ याचिका दायर कीlपांच साल केस चलने के बात जिला अदालत ने मकान मालिक श्रीमान शंकर के पक्ष में फैसला सुनाया और वे मुकदमा जीत गएl किरायदार ने जिला अधिकारी के फैसले से असहमत होकर हाई कोर्ट में अपील दायर कर दीl लगातार तारीखें पड़ने लगीl न्याय होने में और दस साल गुजर गएl श्रीमान शंकर को पन्द्रह साल किराय के मकान में रहना पड़ाl उन्होंने महसूस किया की न्याय में विलम्ब एक प्रकार से न्याय का निषेध ही थाl

Some More Questions From न्यायपालिका Chapter

आरोपी इस मामले को उच्चन्यालय लेकर गए क्योंकि वे निचली अदालत के फैसले से सहमत नहीं थेl

वे सर्वोच्चन्यालय के फैसले के खिलाफ उच्चन्यालय में चले गएl

अगर आरोपी सर्वोच्यन्यालय के फैसले से संतुष्ट नहीं है तो दोबारा निचली अदालत में जा सकते हैl

आपको ऐसा क्यों लगता है कि 1980 के दशक में शुरू की गई जनहित याचिका की व्यवस्था सबको इंसाफ दिलाने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम थी?

ओल्गा टेलिस बनाम बम्बई नगर निगम मुक़दमे में दिए गए फ़ैसले के अंशों को दोबारा पढ़िएl इस फ़ैसले में कहा गया है की आजीविका का अधिकार जीवन के अधिकार का हिस्सा हैl अपने शब्दों में लिखिए की इस बयान से जजों का क्या मतलब है?

'इंसाफ में देरी यानि इंसाफ का क़त्ल' इस विषय पर कहानी बनाइएl

पाठ्यपुस्तक पृष्ठ संख्या 65 पर शब्द संकलन में दिए गए प्रत्येक शब्द से वाक्य बनाइएl
बरी करना, अपील करना, मुआवजा, बेदखली, उल्लंघनl

यह पोस्टर भोजन अधिकार अभियान द्वारा बनाया गया है।
इस पोस्टर को पढ़ कर भोजन के अधिकार के बारे में सरकार के दायित्वों की सूची बनाइए।

इस पोस्टर में कहा गया है कि "भूखे पेट भरे गोदाम! नहीं चलेगा, नहीं चलेगा !" इस व्यक्तव्य को पृष्ठ 61 पर भोजन के अधिकार के बारे में दिए गए चित्र निबंध से मिला कर देखिए।