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दृश्य कलाओं की बदलती दुनिया

Question
CBSEHHISSH8008221

राजा रवि वर्मा के चित्रों को राष्टवादी भावना वाले चित्र कैसे कहा जा सकता है?  

Solution

हम राजा रवि वर्मा के चित्रों को राष्टवादी भावना वाले चित्र इसलिए समझ सकते हैं क्योंकि उन्होंने भारतीय पुराणों के चित्र बनाए थे।
उन्होंने रामायण और महाभारत के अनगिनत दृश्यों को किरमिच पर उतारा। मुंबई प्रेज़िडेंसी की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने पौराणिक कहानियों को जिस तरह मंच पर देखा था, उसी से प्रेणा लेकर उन्होंने ये नाटकीय दृश्य बनाए थे।

Some More Questions From दृश्य कलाओं की बदलती दुनिया Chapter

जिन चित्रों में भारतीय भूदृश्यों को अनूठा, अनछुआ दिखाया जाता था उनकी शैली को .............. कहा जाता है।   

जिस चित्रशैली में भारत में रहने वाले यूरोपीयों के सामाजिक जीवन को दर्शया जाता था उन्हें .................. कहा जाता है।     

जिन चित्रों में ब्रिटिश साम्राज्यवादी इतिहास और उनकी विजय के दृश्य दिखाए जाते थे उन्हें ................. कहा जाता है।  

बताएँ कि निम्नलिखित में से कौन-कौन सी विधाएँ और शैलियाँ अंग्रेज़ों के ज़रिए भारत में आई:

ख़र्रा चित्रकार और कुम्हार कलाकार कालीघाट क्यों आए? उन्होंने नए विषयों पर चित्र बनाना क्यों शुरू किया?  

राजा रवि वर्मा के चित्रों को राष्टवादी भावना वाले चित्र कैसे कहा जा सकता है?  

भारत में ब्रिटिश इतिहास के चित्रों में साम्राज्यवादी विजेताओं के रवैये को किस तरह दर्शया जाता था?  

आपके अनुसार कुछ कलाकार एक राष्ट्रीय कला शैली क्यों विकसित करना चाहते थे?

कुछ कलाकारों ने सस्ती कीमत वाले छपे हुए चित्र क्यों बनाए? इस तरह के चित्रों को देखने से लोगों के मस्तिष्क पर क्या असर पड़ते थे?

इस अध्याय में दिए गए किसी एक ऐसे चित्र का अपने शब्दों में वर्णन करें जिसमें दिखाया गया है कि अंग्रेज़ भारतीयों से ज्यादा ताकतवर थे। कलाकार ने यह बात किस तरह दिखाई है?