ख़र्रा चित्रकार और कुम्हार कलाकार कालीघाट क्यों आए? उन्होंने नए विषयों पर चित्र बनाना क्यों शुरू किया?
ख़र्रा चित्रकार और कुम्हार कलाकार 19 वी सदी की शुरुआत में ही कालीघाट आ गए थे। क्योंकि उस समय कलकत्ता एक वाणिज्यिक और प्रशासकीय केंद्र के रूप में फैल रहा था। नए-नए औपनिवेशिक कार्यालय खुल रहे थे, नई इमारतों और सड़कों का निर्माण चल रहा था, नए बाज़ार खुल रहे थे। शहर में तरह-तरह के नए मौके पैदा हो रहे थे जहाँ आकर लोग कमा-खा सकते थे।
ग्रामीण कलाकर भी नए ग्राहकों और नए सरक्षंकों की उम्मीद में शहर में आकर बसने लगे।
1840 के दशक के बाद कालीघाट कलाकारों में हम एक नया रुझान देखते हैं। जहाँ मूल्य- मान्यताएँ, रुचियाँ, सामाजिक कायदे - कानून और रीती-रिवाज़ इतनी तेज़ी से बदल रहे थे, ऐसे समाज में रहने वाले कालीघाट चित्रकारों ने भी अपने आसपास की दुनिया पर ध्यान दिया और सामाजिक व राजनीतिक विषयों पर चित्र बनाने लगे।