इनकी व्याख्या करें:
1740 के बाद गरीब लोग भी उपन्यास पढ़ने लगे।
प्रकाशन के आरंभिक सालों में उपन्यास बहुत महँगे थे और वे समाज के गरीब तबके की पहुँच से बाहर थे। हेनरी फ़ील्डिंग का टॉम जोंस (1749) छह खण्डों में प्रकाशित हुआ और प्रत्येक खंड की कीमत तीन शिलिंग थीं, जो कि एक औसत मज़दूर के सप्ताह भर की कमाई होती थी।
लेकिन जल्द ही 1740 में किराए पर चलनेवाले पुस्तकालयों की स्थापना के बाद लोगों के लिए किताबें सुलभ हो गईं। तकनीकी सुधार से भी छपाई के ख़र्चे में कमी आई और मार्केटिंग के नए तरीक़ों से किताबों की बिक्री बढ़ी। फ्रांस में प्रकाशकों को लगा कि उपन्यासों को घंटे के हिसाब से किराये पर उठाने से ज़्यादा लाभ होता है। अत: समाज के गरीब तबके के लोगों को बिना अधिक खर्च किए उपन्यास पढ़ने की सुविधा उपलब्ध हो गई।