ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का इतिहास शेष यूरोप की तुलना में किस प्रकार भिन्न था?
1. ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का निर्माण एक लम्बी चलने वाली प्रक्रिया के फलस्वरूप हुआ था। ब्रिटिश द्वीप समूह पर एक साझी नस्ल के अंग्रेज़, स्कॉट, वेतश और आयरिश लोग रहते थे। इन सभी जातीय समूहों की सांस्कृतिक और राजनितिक परम्पराएँ थीं। लेकिन जैसे-2 आंग्ल राष्ट्र की धन-दौलत, शक्ति और सत्ता में वृद्धि हुई। वह द्वीपसमूह के अन्य राष्ट्रों पर अपना प्रभुत्व बढ़ाने में कामयाब हुआ। एक लम्बे टकराव और संघर्ष के बाद आंग्ल संसद ने 1688 में राजतन्त्र से ताकत छीन ली थी। इस संसद के द्वारा एक राष्ट्र-राज्य का निर्माण हुआ जिसके केंद्र में इंग्लैंड था। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के मध्य एक्ट ऑफ यूनियन (1707) से 'यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन' का गठन हुआ।
2. 1801 में आयरलैंड को बलपूर्वक यूनाइटेड किंगडम में मिला लिया गया। एक नए 'ब्रितानी राष्ट्र' का निर्माण किया गया जिस पर हावी आंग्ल संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया गया। नए ब्रिटेन के प्रतीक-चिह्नों, ब्रितानी झंडा (यूनियन बैंक) और राष्ट्रीय गान (गॉड सेव अवर नोबल किंग) को खूब बढ़ावा दिया गया और पुराने राष्ट्र इस संघ में केवल सहयोगी के रूप में ही रहे।