निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें:
भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात विकास की महत्वपूर्ण नीतियों का वर्णन करें।
भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात कृषि विकास की महत्वपूर्ण नीतियाँ इस प्रकार हैं:
- उन्नत बीज: भारत में उन बीजों का आयत किया गया जिनसे अधिक उपज होती थी। इसके लिए भारत द्वारा मेक्सिको से गेहूँ तथा फिलीपींस से चावल की विभिन्न किस्मों का आयत किया गया। इसके अतिरिक्त ज्वार, बाजरा तथा मक्का जैसी फसलों के बीजों का भी आयत किया गया।
- उवर्रकों का प्रयोग: नई कृषि नीति के अंतर्गत रासयनिक अथवा महंगे उवर्रकों के प्रयोग को प्रोत्साहन दिया गया जिससे कृषि मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ी तथा फसलों का उत्पादन भी हुआ।
- हरित क्रांति: नई कृषि प्रौद्योगिकी की सफलता हेतु सिंचाई से निश्चित जल आपूर्ति पूर्व आपेक्षित थी। कृषि विकास की इस नीति से खाद्यान्नों के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि 'हरित क्रांति' के नाम से जानी जाती है। कृषि विकास की इस नीति से देश खाद्यान्नों के उत्पादन मेंआत्म-निर्भर हुआ।
- कीटनाशकों का प्रयोग: कीटनाशकों का प्रयोग फसलों को कीड़ों तथा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने हेतु किया जाता है। हरित-क्रांति के अंतर्गत इन दवाइयों (Pesticides) के प्रयोग को प्रोत्साहन दिया गया जिससे उत्पादन में वृद्धि की जा सकें।
- आधुनिक कृषि-यंत्रो का प्रयोग: अब भारत में कृषि के परम्परागत तरीको और औज़ारों के स्थान पर नए और आधुनिक यंत्रो का इस्तेमाल करने पर बल दिया गया। इन कृषि यंत्रो के उपयोग ने खेती को सरल बना दिया। इन यंत्रो में ट्रेक्टर, सिंचली के लिए ट्यूबवेल, बिजली की मोटरें इत्यादि शामिल है।
- कृषि जलवायु नियोजन: योजना आयोग ने 1988 में कृषि विकास में प्रादेशिक संतुलन को प्रोत्साहित करने हेतु कृषि जलवायु नियोजन प्रारंभ किया। इसने कृषि, पशुपालन तथा जलकृषि को विकास हेतु संसाधनों के विकास पर भी बल दिया।