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पूर्ण प्रतिस्पर्धा की स्तिथि में फर्म का सिद्धांत

Question
CBSEHHIECH12013812

एक कीमत-स्वीकारक फर्म का कुल संप्राप्ति वक्र, ऊपर की ओर प्रवणता वाली सीधी रेखा क्यों होती है ? यह वक्र उद् गम से होकर क्यों गुजरती है ?

Solution

कुल आगम चक्र मूल बिन्दु से गुजरता है, क्योंकि जब उत्पादन शून्य होगा, फर्म का कुल आगम भी शून्य होगा। जैसे-जैसे उत्पादन बेचा जाता है, कुल आगम बढ़ता है। वक्र पर सरल रेखीय समीकरण है:
TR = P X Q
इस प्रकार, पूर्ण प्रतियोगिता में कुल आगम ऊपर उठती हुई सीधी रेखा होती। है।
इसका अर्थ है कि कुल आगम बेचे गए उत्पादन के समान अनुपात में बढ़ता हैं (क्योंकि कीमत स्थिर होती है)।

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कीमत रेखा क्या है ?

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एक कीमत-स्वीकारक फर्म का बाज़ार कीमत तथा औसत संप्राप्ति में क्या संबंध है ?

एक कीमत-स्वीकारक फर्म की बाज़ार कीमत तथा सीमांत संप्राप्ति में क्या संबंध है?

एक पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में लाभ-अधिकतमीकरण फर्म की सकारात्मक उत्पादन करने की क्या शर्तें हैं ?

क्या प्रतिस्पर्धी बाजार में लाभ-अधिकतमीकरण फर्म जिसकी बाज़ार कीमत सीमांत लागत के बराबर नहीं है, उसका निर्गत का स्तर सकारात्मक हो सकता है। व्याख्या कीजिए।

प्रौद्योगिकीय प्रगति एक फर्म के पूर्ति वक्र को किस प्रकार प्रभावित करती है ?

इकाई कर लगाने से एक फर्म का पूर्ति वक्र किस प्रकार प्रभावित करता है ?

किसी आगत की कीमत में वृद्धि एक फर्म के पूर्ति वक्र को किस प्रकार प्रभावित करती है ?

निम्न तालिका में कुल संप्राप्ति, सीमांत संप्राप्ति तथा औसत संप्राप्ति का परिकलन कीजिए। वस्तु की प्रति इकाई बाज़ार कीमत 10 रूपए है।

बेचीं गई मात्रा कुल संप्राप्ति सीमांत संप्राप्ति औसत संप्राप्ति
0      
1      
2      
3      
4      
5      
6