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पूर्ण प्रतिस्पर्धा की स्तिथि में फर्म का सिद्धांत

Question
CBSEHHIECH12013833

दीर्घकाल में एक फर्म का पूर्ति वक्र क्या होता है? 

Solution

दीर्घकाल में, एक फर्म का पूर्ति वक्र उसके दीर्घकालीन सीमांत लागत वक्र का न्यूनतम दीर्घकालीन औसत लागत से ऊपर को उठता हुआ भाग होता है तथा न्यूनतम दीर्घकालीन औसत लागत से कम सभी कीमतों पर निर्गत का स्तर शून्य होता हैं।

इसे संलग्न रेखा-चित्र द्वारा भी दर्शा सकते हैं:

 

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एक कीमत-स्वीकारक फर्म का कुल संप्राप्ति वक्र, ऊपर की ओर प्रवणता वाली सीधी रेखा क्यों होती है ? यह वक्र उद् गम से होकर क्यों गुजरती है ?

एक कीमत-स्वीकारक फर्म का बाज़ार कीमत तथा औसत संप्राप्ति में क्या संबंध है ?

एक कीमत-स्वीकारक फर्म की बाज़ार कीमत तथा सीमांत संप्राप्ति में क्या संबंध है?

एक पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में लाभ-अधिकतमीकरण फर्म की सकारात्मक उत्पादन करने की क्या शर्तें हैं ?

क्या प्रतिस्पर्धी बाजार में लाभ-अधिकतमीकरण फर्म जिसकी बाज़ार कीमत सीमांत लागत के बराबर नहीं है, उसका निर्गत का स्तर सकारात्मक हो सकता है। व्याख्या कीजिए।

प्रौद्योगिकीय प्रगति एक फर्म के पूर्ति वक्र को किस प्रकार प्रभावित करती है ?

इकाई कर लगाने से एक फर्म का पूर्ति वक्र किस प्रकार प्रभावित करता है ?

किसी आगत की कीमत में वृद्धि एक फर्म के पूर्ति वक्र को किस प्रकार प्रभावित करती है ?

निम्न तालिका में कुल संप्राप्ति, सीमांत संप्राप्ति तथा औसत संप्राप्ति का परिकलन कीजिए। वस्तु की प्रति इकाई बाज़ार कीमत 10 रूपए है।

बेचीं गई मात्रा कुल संप्राप्ति सीमांत संप्राप्ति औसत संप्राप्ति
0      
1      
2      
3      
4      
5      
6      

 

निम्न तालिका में एक प्रतिस्पर्धी फर्म की कुल संप्राप्ति तथा कुल लागत सारणियों को दर्शाया गया है। प्रत्येक उत्पादन स्तर के लाभ की गणना कीजिए। वस्तु की बाज़ार कीमत भी निर्धारित कीजिए।

बेचीं गई मात्रा कुल संप्राप्ति (रु) कुल लागत (रु)   लाभ (रु)
0 0 5 -
1 5 7 -
2 10 10 -
3 15 12 -
4 20 15 -
5 25 23 -
6 30 33 -
7 35 40 -